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लेखनी कहानी -19-Oct-2022 विश्वास की शक्ति

कट्टर ईमानदारी का लबादा ओढ़कर 
बेइमानी की नई इबारत गढ रहे हो 
झूठ की रोज नई नई दुकान खोलकर 
बासी, सड़ा हुआ माल बेच रहे हो 
मीडिया को कौड़ियों के भाव खरीद कर 
अपनी हवा हवाई छवि गढ रहे हो 
पर शायद तुम्हें यह पता नहीं है कि तुम
आम आदमी के विश्वास की शक्ति को छल रहे हो 

विश्वास का पौधा लगाने में उम्र गुजर जाती है 
मगर इसे उखड़ने में एक पल नहीं लगता है 
पर ये ध्यान रखना सर जी कि ये आम आदमी है 
ये सिर पे बैठाता है तो पटकने में भी देर नहीं करता है 

श्री हरि 
19.10.22 


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6 Comments

Supriya Pathak

20-Oct-2022 01:18 AM

Bahut khoob 🙏🌺

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Hari Shanker Goyal "Hari"

20-Oct-2022 02:59 AM

धन्यवाद जी

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Gunjan Kamal

20-Oct-2022 12:03 AM

शानदार

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Hari Shanker Goyal "Hari"

20-Oct-2022 02:58 AM

धन्यवाद जी

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Renu

19-Oct-2022 11:58 AM

👍👍🌺

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

20-Oct-2022 02:58 AM

धन्यवाद जी

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